A REVIEW OF विश्व का इतिहास

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के आसपास का टाल्मी को ‘भूगोल’ (ज्योग्रफिका), प्लिनी की ‘नेचुरल हिस्टोरिका’ (ई. की प्रथम सदी) महत्त्वपूर्ण हैं। प्लिनी की ‘नेचुरल हिस्टोरिका‘ से भारतीय पशु, पेड़-पौधों एवं खनिज पदार्थों की जानकारी मिलती है। इसी प्रकार एरेलियन के लेख तथा कर्टियस, जस्टिन और स्ट्रैबो के विवरण भी प्राचीन भारत इतिहास के अध्ययन की सामग्रियाँ प्रदान करते हैं। ‘पेरीप्लस आफ द एरिथ्रियन सी’ ग्रंथ में भारतीय बंदरगाहों एवं व्यापारिक वस्तुओं का विवरण मिलता है।

सुदूर दक्षिण भारत के जन-जीवन पर ईसा की पहली दो शताब्दियों में लिखे गये संगम साहित्य से स्पष्ट प्रकाश पड़ता है। दक्षिण भारत में भी राजकवियों ने अपने संरक्षकों की उपलब्धियों का वर्णन करने के लिये कुछ जीवनचरित लिखे। ऐसे ग्रंथों में ‘नंदिवकलाम्बकम्’, ओट्टक्तूतन का ‘कुलोत्तुंगज-पिललैत्त मिल’, जयगोंडार का ‘कलिंगत्तुंधरणि’, ‘राज-राज-शौलन-उला’ और ‘चोलवंश चरितम्’ प्रमुख हैं।

सिक्खों और ब्रिटिश सेना के बीच इतिहास में कई लढाईयाँ हुई थी। जब तक महाराजा रणजीत सिंह जिन्दा थे तब तक ब्रिटिश अधिकारियो को सुल्तेज नदी पार करने में कभी सफलता नही मिली। उनकी मृत्यु के बाद उन्होंने पुरे पंजाब को हथियाँ लिया था और सिक्ख शासको का पतन कर दिया था।

पू. के लगभग सिन्धु घाटी की आलीशान सभ्यता (अथवा नवीनतम नामकरण के अनुसार हड़प्पा संस्कृति) के रूप में हुई।

डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, ‘भारतीय संस्कृति’ पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।

तुम्ही बीबीसीवर विश्वास ठेवू शकता कारण

प्राचीन भारत पर प्रकाश डालनेवाले अभिलेख मुख्यतया पालि, प्राकृत और संस्कृत में मिलते हैं। गुप्तकाल के पहले के अधिकतर अभिलेख प्राकृत भाषा में हैं और उनमें ब्राह्मणेतर धार्मिक-संप्रदायों- जैन और बौद्ध धर्म का उल्लेख है। गुप्त एवं गुप्तोत्तरकाल में अधिकतर अभिलेख संस्कृत भाषा में हैं और उनमें विशेष रूप से ब्राह्मण धर्म का वर्णन है। प्राचीन भारतीय इतिहास, भूगोल आदि की प्रमाणिक जानकारी के लिए अभिलेख अमूल्य निधि हैं।

अशा प्रकारच्या धार्मिक कार्यक्रम, मेळावे, सत्संगामध्ये चेंगराचेंगरी होऊन लोक मृत्यूमुखी पडण्याच्या दुर्दैवी घटना यापूर्वीही झालेल्या आहेत.

एक निश्चित समय पर होता है। मानव इतिहास, वास्तव में, समय में मानव विकास की प्रक्रिया है। यह समय है जो घटनाओं के लिए एक परिप्रेक्ष्य देता है और एक आकर्षण देता है जो अतीत को रोशन करता है।

सुबुक्तगीन एवं महमूद गजनी के संबंध में उत्बी रचित किताब-उल-यामिनी से जानकारी मिलती है।

जियाउद्दीन बरनी रचित फतवा-ए-जहाँदारी से मुहम्मद-बिन-तुगलक के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। 

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया गया?

एक और इतिहासकार आरसी मजूमदार शेरशाह पर लिखी पुस्तक के एक अध्याय 'हेमू- अ फॉरगॉटेन हीरो' में लिखते हैं, पानीपथ की लड़ाई में एक दुर्घटना की वजह से हेमू की जीत हार में बदल गई, वर्ना उन्होंने click here दिल्ली में मुग़लों की जगह हिंदू राजवंश की नींव रखी होती। मुग़ल साम्राज्य[संपादित करें]

प्राचीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत बहुविकल्पीय प्रश्न

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