मध्यकालीन भारत का इतिहास - AN OVERVIEW

मध्यकालीन भारत का इतिहास - An Overview

मध्यकालीन भारत का इतिहास - An Overview

Blog Article

भारत के इतिहास को इतिहासकरों ने अध्ययन की दृष्टि से तीन भागों में विभाजित किया – प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, और आधुनिक इतिहास। मध्यकालीन इतिहास को पुनः दो भागों में बांटा गया है – पूर्व मध्यकालोत्तर, मध्यकाल।

अगस्त की घोषणा एडविन सैमुअल मोंटेग्यू द्वारा की गई थी

तराइन का दूसरा युद्ध (पृथ्वीराज तृतीय को मोहम्मद गोरी ने हराया)

‘ताज-उल-मासिर’ निशापुर (ईरान) के हसन निजामी की रचना है। जब निशापुर पर मंगोलों ने आक्रमण किया, तो निजामी भागकर भारत आ गया और कुत्बुद्दीन ऐबक के यहाँ नौकरी करके यहीं बस गया था। मासिर की रचना अरबी और फारसी दोनों में की गई थी, किंतु इसमें तराइन के प्रथम युद्ध का वर्णन नहीं मिलता है क्योंकि इस युद्ध में गोरी की हार हुई थी। हसन निजामी कुत्बुद्दीन ऐबक का समकालीन था और उसकी रचना ऐबक के जीवन पर केंद्रित है, फिर भी, निजामी ने ऐबक की मृत्यु के बाद इल्तुतमिश के प्रारंभिक वर्षों के इतिहास का भी प्रामाणिक विवरण दिया है।

२ करोड है। आर्थिक रूप से देखा जाए तो पर्यटन भारतीय अर्थव्यवस्था को लगभग $४०० करोड डालर प्रदान करता है। भारत के प्रमुख व्यापार सहयोगी हैं अमरीका, जापान, चीन और संयुक्त अरब अमीरात।

अकबर का मकबरा आगरा के पास सिकंदरा में जहाँगीर ने बनवाया था।

ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना दादाभाई नौरोजी ने की थी

much more Hamburger icon An icon utilized to represent a menu that could be toggled by interacting using this type of icon.

भारत में संगीत तथा नृत्य की अपनी शैलियां भी विकसित हुईं, जो बहुत ही लोकप्रिय हैं। भरतनाट्यम, ओडिसी, कथक प्रसिद्ध भारतीय नृत्य शैली है। हिन्दुस्तानी संगीत तथा कर्नाटक संगीत भारतीय परंपरागत संगीत की दो मुख्य धाराएं हैं। लोक नृत्यों में शामिल हैं पंजाब का भांगड़ा, असम का बिहू, झारखंड का झुमइर और डमकच, झारखंड और उड़ीसा का छाऊ, राजस्थान का घूमर, गुजरात का डांडिया और गरबा, कर्नाटक जा यक्षगान, महाराष्ट्र का लावनी और गोवा का देख्ननी ।

कोपेन के वर्गीकरण के get more info अनुसार भारत में निम्नलिखित छह प्रकार के जलवायु प्रदेश पाए जाते हैं:

ब्रह्मगिरि, नवादा टोली (नर्मदा क्षेत्र), महिषादल (पश्चिम बंगाल), और चिरांद में भी सभ्यताएँ (गंगा क्षेत्र) हैं।

आदाब उल हर्ब वा अल शुजात ( फक्र-ए-मुदब्बिर)

भारत के उत्तर में हिमालय की पर्वतमाला नए और मोड़दार पहाड़ों से बनी है। यह पर्वतश्रेणी कश्मीर से अरुणाचल तक लगभग १,५०० मील तक फैली हुई है। इसकी चौड़ाई १५० से २०० मील तक है। यह संसार की सबसे ऊँची पर्वतमाला है और इसमें अनेक चोटियाँ २४,००० फुट से अधिक ऊँची हैं। हिमालय की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट है जिसकी ऊँचाई २९,०२८ फुट है जो नेपाल में स्थित है।

मुगलकालीन स्रोत इतिहास-ग्रंथ, संस्मरण और आत्मकथाएँ

Report this page